बिहार में खाद्य सुरक्षा विभाग की असफलता | ErnstSonu Blog

🍛 बिहार में खाद्य सुरक्षा विभाग की असफलता: एक कड़वा सच

परिचय: बिहार में फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट (खाद्य सुरक्षा विभाग) का कार्य आम जनता को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है। परंतु हालात चिंताजनक हैं।

🚨 मुख्य समस्याएं:

  • मिलावटी खाद्य पदार्थ: दूध, तेल, मिठाइयों आदि में ज़हरीली मिलावट आम है।
  • रेस्टोरेंट व ढाबों की दुर्दशा: बिना लाइसेंस और गंदगी में बना भोजन धड़ल्ले से बिक रहा है।
  • जनता की शिकायतों की अनदेखी: शिकायत करने पर न कार्रवाई होती है, न जवाब मिलता है।
  • फर्जी पैकिंग और लेबलिंग: एक्सपायरी डेट से छेड़छाड़ कोई नई बात नहीं रही।

⚖️ विभाग की कानूनी जिम्मेदारियां:

FSSAI के अंतर्गत प्रत्येक राज्य को समय-समय पर खाद्य सामग्री की जांच, निरीक्षण और कार्रवाई करनी होती है, लेकिन बिहार में इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।

🗣️ जनता की प्रतिक्रिया:

“हमारे गांव में दूध में साबुन जैसी चीजें मिली होती हैं – कोई कार्रवाई नहीं होती।” – शिवानंद, मधुबनी
“पटना के होटलों में भी गंदगी, लेकिन कार्रवाई 0%।” – रवि, फूड ब्लॉगर

💡 समाधान:

  • मोबाइल टेस्टिंग वैन की शुरुआत
  • ऑनलाइन रिपोर्टिंग सिस्टम को मजबूत करना
  • सप्ताहिक निरीक्षण और कड़ी सजा
  • भ्रष्ट अधिकारियों पर तत्काल निलंबन
  • जनजागरूकता अभियान

📢 निष्कर्ष:

अगर बिहार में खाद्य सुरक्षा विभाग की हालत नहीं सुधरी, तो यह आम जनता की सेहत से सीधा खिलवाड़ है। अब समय है जागरूक होने और सरकार को जवाबदेह बनाने का।

✍ लेखक: ErnstSonu | ErnstSonu Blog